Sunday, October 23, 2011

दीपपर्व


हाथ में काठ लिए​
​मन में कुछ गांठ लिए​
​और झूठी ठाठ लिए​
​जीवन भर सोचते रहे​
सिर के बाल नोचते रहे​
​और सबको कोसते रहे​​
​अंधेरा हटाना है​​
​कलंक मिटाना है​
​छछूंदर को डराना है​
​दिख न सका तथ्य यह​
​भंगुर यह, मृत्य यह​
​तमस कहां सत्य यह
अजी, किसको​​ मिटाना है​
​किसको हटाना है​
​और क्यों किसी को डराना है​​
​ये जो हाथ का काठ है​
​मन की जो गांठ है​
​और झूठा जो ठाठ​ है​
​यही असल रोग है​
मृत्यु-मरण योग है​
​​मनुजता का सोग है​
जो करना-कराना है​
वो यह कि गीत एक गाना है​
​और, नन्हा-सा दीपभर जलाना है।।​
​दीपपर्व की मंगलकामनाओं के साथ-​
​आशुतोष

11 comments:

Smart Indian said...

बडी गहरी बात कह दी, बधाई!

रश्मि प्रभा... said...

दीपावली की शुभकामनाएं

ghughutibasuti said...

सुंदर कविता. चैन से सोने के लिए अँधेरा भी आवश्यक है.
दीपावली की शुभकामनाएं
घुघूतीबासूती

vandana gupta said...

दीपावली की हार्दिक शुभकामनाओ के साथ ………

आपकी रचनात्मक ,खूबसूरत और भावमयी
प्रस्तुति आज के तेताला का आकर्षण बनी है
तेताला पर अपनी पोस्ट देखियेगा और अपने विचारों से
अवगत कराइयेगा ।

http://tetalaa.blogspot.com/

S.M.HABIB (Sanjay Mishra 'Habib') said...

सुन्दर प्रस्तुति.... वाह!!
आपको दीप पर्व की सपरिवार सादर बधाईयां....

Asha Joglekar said...

जो करना-कराना है​
वो यह कि गीत एक गाना है​
​और, नन्हा-सा दीपभर जलाना है।।​

यही करेंगे । शुभ दीपावली ।

harshant said...

khubsurat

Amit Sharma said...

पञ्च दिवसीय दीपोत्सव पर आप को हार्दिक शुभकामनाएं ! ईश्वर आपको और आपके कुटुंब को संपन्न व स्वस्थ रखें !
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"आइये प्रदुषण मुक्त दिवाली मनाएं, पटाखे ना चलायें"

ZEAL said...

Beautiful creation !
Wish you a wonderful n joyous Deepawali.

Smart Indian said...

दीपावली के शुभ अवसर पर आपको परिजनों और मित्रों सहित बहुत-बहुत बधाई। ईश्वर से प्रार्थना है कि वह आपका जीवन आनंदमय करे!
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साल की सबसे अंधेरी रात में*
दीप इक जलता हुआ बस हाथ में
लेकर चलें करने धरा ज्योतिर्मयी

बन्द कर खाते बुरी बातों के हम
भूल कर के घाव उन घातों के हम
समझें सभी तकरार को बीती हुई

कड़वाहटों को छोड़ कर पीछे कहीं
अपना-पराया भूल कर झगडे सभी
प्रेम की गढ लें इमारत इक नई

www.navincchaturvedi.blogspot.com said...

क्या बात है क्या बात है क्या बात है
तालियाँ ही तालियाँ
तबियत खुश कर दी बन्धु

दिवाली-भाई दूज और नववर्ष की शुभकामनाएं