तदात्मानं सृजाम्यहम्
Tuesday, February 9, 2010
तुक-तुक-1
हर शै को बख्श दे
इक आग जिगर में
ऊबे जो जिंदगी से
पी लिया करे।
कुछ जी लिया करे।।
No comments:
Post a Comment
Newer Post
Older Post
Home
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment