बेहयायी का शिखर छूने को अब बेताब है।
ये हमारी केंद्रसत्ता स्वयं में नायाब है।।
लब्धियां इनकी गिनाने को नहीं हैं गिनतियां
काली करतूतों से सारा दशक ही आबाद है।।
बर्बाद करने को बहुत कुछ है अभी भी देश में
इसलिए अब भी सदन में कांग्रेस जिंदाबाद है।।
वो जो कहते हैं कि ये खा गए हैं कोयला
उनको बताओ, ये सभी कालिख की ही औलाद हैं।।
1 comment:
bahut sahi likha hai aapne .inka kam ab bas yahi hai .nice presentation.iतुम मुझको क्या दे पाओगे?
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