Sunday, August 26, 2012


बेहयायी का शिखर छूने को अब बेताब है।​ ये हमारी केंद्रसत्ता स्वयं में नायाब है।।​ लब्धियां इनकी गिनाने को नहीं हैं गिनतियां​ ​काली करतूतों से सारा दशक ही आबाद है।।​ ​बर्बाद करने को बहुत कुछ है अभी भी देश में​ ​इसलिए अब भी सदन में कांग्रेस जिंदाबाद है।। ​वो जो कहते हैं कि ये खा गए हैं कोयला​ ​उनको बताओ, ये सभी कालिख की ही औलाद हैं।।​ ​

1 comment:

Shalini kaushik said...

bahut sahi likha hai aapne .inka kam ab bas yahi hai .nice presentation.iतुम मुझको क्या दे पाओगे?