Wednesday, April 28, 2010

अवांछित


वो कहते हैं
जिदंगी कठिन है
गरल-की तरह
इसे जीने के लिए
पीना जरूरी है..
और कई बार..
यह भी कि-
जीते जाएं, इसलिए 
बिकना मजबूरी है
बिकने के लिए- 
वेश्या होना जरूरी है
मैं सोचता हूं-
क्या जिंदगी वाकई ऐसी है
पीना, बिकना और वेश्या होना
यदि जिंदगी की मजबूरी है
तो मेरे दोस्त-
तुम कहो
ऐसी जिंदगी जीना
क्योंकर जरूरी है।।

Tuesday, April 27, 2010

सबक


एक लंबी उम्रतक
जागने के बाद
मौत यदि- 
तुझको सुला दे
गहन निद्रा में
डुबा दे
तो मनुज, क्यों
चीखता है
कृत्घ्नता का
यह सलीका
जिंदगी से
तू भला
क्यों सीखता है।।